भारत में आईवीएफ सफलता दर | IVF Success Rate in India

भारत में आईवीएफ सफलता दर को आप इस बात से समझ सकते हैं कि आज पूरे भारत में हजारों से ज्यादा आईवीएफ सेंटर मौजूद हैं, और लगभग सभी आईवीएफ सेंटर ने इलाज में कुछ-न-कुछ माइलस्टोन को अचीव किया है। जैसे बात करें बेबी जॉय आईवीएफ सेंटर की तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF center in Delhi with price) में से एक इस सेंटर ने अभी तक 15,000 बच्चों के जन्म में मददगार साबित हुआ है। भारत में आईवीएफ सफलता दर को आप इस बात से भी समझ सकते हैं कि साल 2018 में आईवीएफ उपचार का बाजार भारत में 478.2 मिलियन डॉलर का था और अनुमानित है कि 2026 तक 1,453 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है जहां बांझपन को समस्या नहीं श्राप माना जाता है। ऐसे में कपल्स के लिए किसी के तानों को सुनने से ज्यादा बेहतर है कि आईवीएफ उपचार को सहारा लें, और सही मायने में कहा जाए आईवीएफ भी ऐसी समस्याओं के लिए बना है। किसी भी रोग या बीमारी के मामले में यह सफलता दर ही है जो लोगों को इलाज पर भरोसा दिलाती है।
हालांकि, बात करें भारत में आईवीएफ सफलता दर की तो 35 से 40 प्रतिशत के बीच है, और हम सभी जानते हैं कि इलाज की सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है। जैसे अगर 30 वर्ष की महिला इलाज करवा रही है तो उसकी सफलता का चांस ज्यादा, लेकिन अगर कोई महिला 35 के उम्र में मां बनना चाहती है तो वहां सफलता दर कम हो जाता है। क्योंकि उम्र के साथ प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, ऐसे में जैसे आपकी उम्र बढ़ेगी मां बनने का चांस उतना ही कम होते जाएगा।
एक सच यह भी है कि वैश्विक स्तर पर आईवीएफ सफलता की बात करें, तो युवा महिलाओं में सफलता दर अनुमानित 40% है। आईवीएफ इलाज की प्रक्रिया पूरा हो जाने के बाद, सफलता पाने के लिए आपको खुद भी मेहनत करने की जरूरत है। यह बात आपको इलाज के बाद डॉक्टर भी कहता है कि गर्भधारण से लेकर बच्चे को जन्म देने तक आपको अनुशासित जीवन व्यतीत करना है। जैसे — पौष्टीक आहार का सेवन, रोजाना व्यायाम और धूम्रपान से दूर रहें।
आईवीएफ इलाज से पहले आपकी जांच की जाती है ताकी यह पता चल सके कि इनफर्टिलिटी की वजह क्या है? आईवीएफ एक जटील इलाज है और इसमें पैसे भी खर्च होते हैं तो आप उम्मीद करते हैं कि आपको इलाज में सफलता मिले।
उम्र के अनुसार आईवीएफ की सफलता दर(IVF success rate by age)
ऐसा कहना कि आईवीएफ की सफलता दर उम्र पर निर्भर करती है तो अधिमुल्यांकन हो जाएगा, लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं है कि आईवीएफ सफलता के लिए उम्र भी एक कारक है। जैसा कि हमने आपको ऊपर भी बताया है कि एक महिला के लिए मां बनने का सबसे उचित समय 20 से 30 वर्ष उम्र के दौरान होता है।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है प्रजनन क्षमता प्रभावित हो जाती है और करीब 41 वर्ष तक मेनोपॉज में प्रवेश कर जाती हैं। जिसके बाद महिला के लिए प्राकृतिक रूप से मां बन पाना नामुमकिन हो जाता है। ऐसे में अगर आप यह सोच रहे हैं कि पैरेंट्स बनने का प्राइम टाइम निकल गया है तो आप 30 से 37 के बीच में आईवीएफ उपचार की मदद ले सकते हैं।
आईवीएफ की सफलता दर 35 की उम्र या उससे कम में(IVF success rate at age 35 or younger) — बात करें 35 या उससे कम उम्र में आईवीएफ इलाज कि तो इस उम्र तक आप प्राकृतिक रूप से भी मां बन सकती है। अगर आप आईवीएफ इलाज का सहारा लेती हैं तब भी आप सफलता का चांस है। जैसे
- कोई महिला 35 की उम्र तक कभी गर्भधारण नहीं किया है तो 32% मामलों में गर्भधारण की संभावना है।
- कोई महिला 35 की उम्र तक एक बच्चा है तो 37% मामलों में गर्भधारण की संभावना है।
आईवीएफ की सफलता दर 40 से अधिक पर(IVF success rate over 40) — 40 की उम्र तक प्रजनन क्षमता काफी हद तक प्रभावित हो चुका होता है। ऐसे में अगर आप इस उम्र में मां बनने का सोच रही हैं तो आपके लिए यह सफर समस्या से भरा हो सकता है। क्योंकि आमतौर पर ऐसा पाया जाता है कि इस उम्र तक महिलाओं का वजन काफी बढ़ जाता है जो गर्भधारण में समस्या पैदा कर सकता है। आपको बता दें कि 40 साल की उम्र तक मां बनने की चांस 20% रह जाती है।
भ्रूणों की संख्या के आधार पर आईवीएफ की सफलता दर(IVF success rate based on number of embryos)
ऐसा कई मामलों में पाया गया है कि आईवीएफ की असफलता का कारण भ्रूण चुनाव न करना है। ऐसे में कई बार सेंटर एक की जगह मल्टीपल भ्रूण का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करने से ज्यादातर मामलों में यह डर रहता है कि ट्वीन या जुड़वां बच्चे होगें, जिससे बच्चे और मां दोनों के लिए जोखिम साबित हो सकता है। एक शोध में पाया गया है कि एक भ्रूण में सफलता 45% और एक से अधिक भ्रूण में सफलता 42% होता है।
अगर आप भी भ्रूण को फ्रिज करना चाहते हैं तो सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ सेंटर में आप दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Gurgaon / NCR) उचित रहेगा।
डोनर एग्स के साथ आईवीएफ की सफलता दर(Success Rate of IVF with Donor Eggs)
अगर आपने 3–4 बार आईवीएफ ट्राय कर लिया है और फिर भी सफलता नहीं मिल रही है तो डोनर एग्स का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। डोनर एग्स का इस्तेमाल करके भी संतानप्राप्ती मुमकिन है, और एग्स युवा महिलाओं के लिए जाते हैं। ऐसा पाया गया है कि भारत में डोनर अंडे के साथ आईवीएफ की सफलता दर पहले प्रयास में 50–70% और तीन प्रयासों में 90% तक है। इसका मतलब साफ है कि डोनर एग्स का इस्तेमाल से सफलता का चांस काफी है।
निष्कर्ष(Conclusion)
भारत में आईवीएफ सफलता दर 35 से 40% है, और उसमें उम्र और भ्रूण की संख्या जैसे कारक उपचार की सफलता में भूमिका निभाते हैं। 35 की उम्र से कम महिलाओं में आईवीएफ सफलता का चांस ज्यादा होता है, लेकिन जैसे उम्र बढ़ती है प्रजनन क्षमता प्रभावित होते जाती है। अगर आप डोनर एग्स का इस्तेमाल करते हैं तब भी आईवीएफ सफलता का चांस बढ़ जाता है। आईवीएफ ऐसे मामलों में कई बार अपना करिश्मा दिखाया है, और आपको बता दें कि आईवीएफ की सफलता आप पर भी काफी हद तक निर्भर करता है।
जो लोग आईवीएफ इलाज कराना चाहते हैं, दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र(Best IVF center in Delhi) में आपको आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन दोनों मिलेगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1. भ्रूण स्थानांतरण के बाद सकारात्मक संकेत क्या हैं?
उत्तर- भ्रूण स्थानांतरण के बाद गर्भावस्था को लेकर सकारत्मक संकेत के तौर पर आप 2 सप्ताह के दौरान होने वाले सभी लक्षणों को काउंट कर सकते हैं। जैसे — रक्तस्राव या दाग, ऐंठन, सूजन, स्तनों में दर्द, थकान, पेशाब में वृद्धि, गर्म चमक, सिरदर्द और मासिक धर्म का चूक जाना शामिल हैं।
प्र.2. पहले प्रयास में आईवीएफ की सफलता दर क्या है?
उत्तर- 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं को सबसे अधिक सफलता मिलती है, लेकिन 35 से 37 वर्ष की आयु के बीच भी सफलता की दर 40.5% है। 38 से 40 वर्ष की आयु वाली महिलाओं की सफलता दर कम 26% है।
प्र.3. क्या आईवीएफ बच्चे सामान्य हैं?
उत्तर- आईवीएफ का उपयोग करके गर्भधारण बिल्कुल प्राकृतिक गर्भधारण की तरह ही स्वस्थ होती हैं। इसके अलावा, आईवीएफ गर्भधारण से आने वाले बच्चे अपने स्वाभाविक रूप से गर्भाधान वाले समकक्षों की तरह ही स्मार्ट और शारीरिक रूप से फिट होते हैं।
प्र.4. आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण कब शुरू होते हैं?
उत्तर- आमतौर पर, आपको गर्भावस्था से जुड़े लक्षण को पूरी तरह समाने आने में 1 से 4 सप्ताह का समय लगता है। लेकिन कुछ लक्षण आपको पहले दो सप्ताह के दौरान देखने के लिए मिल जाएगा।
प्र.5 भ्रूण स्थानांतरण के बाद कौन सा फल सर्वोत्तम है?
उत्तर- भ्रूण स्थानांतरण के बाद अपने आहार में शामिल करने के लिए केला एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें पोटेशियम और विटामिन बी6 होते हैं, जो आपकी आईवीएफ यात्रा और सफलता के लिए आवश्यक हैं।